Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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ब्रेस्ट कैंसर कितने दिन में फैलता है-इससे कैसे बचें?
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अमुक ग्राह्यार्थे सर्व जगत् हितकारिणी सर्वदुःख निवारिणी सर्व व्याधि नाशिनी नमो नमः स्वाहा॥
इस उपाय को पति पत्नी करे तो उनके बीच का रिश्ता मजबूत बन जाता है. ये उनके बिच आकर्षण को बढाता है.
वशीकरण एक प्राचीन आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो भारतीय परंपराओं में जानी जाती है। यह एक रहस्यमयी कला है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के मन और भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए किया जाता है। संस्कृत में, “वशी” का अर्थ है “आकर्षित करना या नियंत्रण करना” और “करण” का अर्थ है “विधि”। इसे मुख्यतः रिश्तों को सुधारने, खोए हुए प्रेम को वापस पाने और जीवन की कठिनाइयों को हल करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
इसमें विभिन्न यंत्र, तंत्र, और ताबीज का उपयोग किया जाता है.
ईन्ना आत्वैना शैताना मेरी शिकल बन फलानी के पास जाना, उसे मेरे पास लाना, न लावे तो तेरी बहन भानजी पर तीन सौ तलक।
प्रेम और विवाह: वशीकरण मंत्र प्रेम और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान प्रदान करने में मदद कर सकता है। यदि आपका कोई प्यार करने वाला व्यक्ति आपके प्रति ध्यान नहीं देता है या आप अपने प्रेमी/प्रेमिका को पाना चाहते हैं, तो वशीकरण मंत्र आपकी मदद कर सकता है। यह आपको उन्हें अपने जीवन साथी more info के रूप में प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।
पुरुष मोहिनी मंत्र वशीकरण उन स्त्री के लिए है जिनके पति का आकर्षण अब नहीं रहा गया हो या फिर बाहरी चक्कर में चले गए हो.
सब वीरन में तेरा सीर , सबकी नज़र बांध दे
आप इसे साधना के बाद भी कर सकते है. कृष्ण मोहन साधना का प्रयोग तो आप नियमित तौर पर सकते है.
वशीकरण का नैतिक उपयोग इस पर निर्भर करता है कि इसे किस उद्देश्य से किया जा रहा है। जब इसका उपयोग रिश्तों को सुधारने, सकारात्मक बदलाव लाने, और जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, तो यह फायदेमंद साबित होता है। लेकिन गलत इरादों से इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है और इसे पारंपरिक शास्त्रों में निषेध किया गया है।
मोहन मंत्र वह मंत्र है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति /समुदाय को अपने प्रति आकर्षित करने या प्रभावित करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग इंटरव्यू आदि में किया जाता है। इस मंत्र का प्रभाव साधक जब तक सामने रहता है तब तक ही होता है।
हाथ पसारूं मुख मलूं, काची मछली खाऊं। आठ पहर चौसठ घड़ी, जग मोह घर जाऊं।।